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17 सूत्री मांगों को लेकर समस्तीपुर सिविल कार्यालय पर कर्मचारियों का आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन



मिथिला पब्लिक न्यूज, समस्तीपुर ।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने 17 सूत्री मांगों को लेकर बिहार चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया। संघ कार्यालय से दर्जनों कर्मियों का हुजूम सिविल सर्जन कार्यालय पर पहुंचा, जहां सीएस कार्यालय के समक्ष सभी ने धरना प्रदर्शन किया। इसका नेतृत्व संघ के जिला मंत्री राजीव रंजन कर रहे थे। मौके पर अवलेश कुमारी, रेखा कुमारी, रंजना कुमारी, बिमलेश चौधरी, शांतिभूषण, अनिता कुमारी, शैलेंद्र कुमार, दिलीप कुमार मुकुंद, प्रतिभा कुमारी, बिंदु कुमारी सिंह,अमित कुमार, प्रेमा कुमारी, कुमारी मंजू, चांदनी कुमारी, शशिरंजन, दीपक मोर्या आदि मौजूद थे।


प्रदर्शन के उपरांत स्वास्थ्यकर्मियों ने मांगों से सम्बंधित ज्ञापन भी सिविल सर्जन को सौंपा। सिविल सर्जन को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत नियमित कर्मियों, संविदा पर कार्यरत नर्सिंग एवं पारा मेडिकल कर्मियों, आशा, कुरियर, 102 एम्बुलेन्स कर्मियों सहित सभी प्रकार के आउटसोर्सिंग कर्मियों का मान्यया प्राप्त प्रतिनिधि संस्था है। संघ के राज्य सामान्य परिषद् की बैठक के निर्णयानुसार आज धरना-सत्यागह के माध्यम से माँग पत्र समर्पित किया गया है।


इसमें कहा गया है कि बिहार में चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ साथ जनसंख्या के अनुपात में स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का घोर आभाव है। इसके बावजूद कर्मचारियों के लगातार प्रयास का ही नतीजा है कि संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, जच्चा-बच्चा मृत्यु दर के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद इन कर्मियों का ससमय वेतन/मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है। पेंशन रूपी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल पा रही है, प्रोन्नति का लाभ तक हासिल नहीं हो पाया है। जिला सम्वर्ग के भी जिन कर्मियों को प्रोन्नति दिया गया उन्हें भी प्रोन्नति का वास्तविक लाभ नहीं मिल पाया है। अभी भी अधिकांश सम्वर्गों के सेवा नियमावली गठित नहीं हो पायी है। जिन कारणों से स्वास्थ्यकर्मियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


ये हैं मुख्य मांगें :

1. अंशदायी पेंशन योजना के बदले राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाय।

2. आठवीं वेतन पुनरीक्षण समिति का गठन किया जाय।

3. ठेका-संविदा की बहाली पर रोक लगायी जाय।

4. नियमित व संविदाकर्मियों का वेतन/ मानदेय माह के अंतिम तिथि को भुगतान हो।

5. स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी सम्वर्ग का सम्वर्ग नियमावली का गठन हो।


6. स्वास्थ्य विभाग के राज्य स्तरीय सम्वर्ग के कर्मचारियों को प्रोन्नति के साथ पदस्थापन किया जाय।

7. फार्मासिस्टों से ड्रग एण्ड कॉसमेटिक ऐक्ट के प्रावधानों के तहत ही कार्य लिया जाय।

8. कर्मियों के अवकाश के निदेशालय स्तर पर स्वीकृति की प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब न हो।

9. एसीपी एवं एमएसीपी हेतु विभागीय परीक्षा की बाध्यता पर रोक संबंधी विभागीय आदेश निर्गत किया जाय।

10. शहरी क्षेत्र में टीकाकरण हेतु संविदा पर नियुक्त एएनएम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों की भाँति सुविधा दी जाय।

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