मिथिला पब्लिक न्यूज, कमलेश झा ।
अपना पीठ खुद से थप थपाना आता है आपको? अगर नहीं तो आप समस्तीपुर आईये। यहां की पुलिस और उसकी पुलिसिंग को देखिए। सच मानिये आप एक दिन में ही अपना पीठ खुद से थप थपाना सीख जायेंगे। वैसे तो समस्तीपुर पुलिस के ऐसे कई कारनामें हैं जिसे सुनकर आपको लगेगा कि सच में यहां पुलिसिंग को मटियामेट कर दिया गया है। हम आपको बारी बारी से इनके कारनामों से रूबरू कराते रहेंगे।
चलिये आज (सोमवार) की बात से ही इस कड़ी को शुरू करते हैं। पुलिस ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जितवारपुर में दो दिन पूर्व हुई गोलीबारी सह हत्याकांड में एक प्रेस रिलीज जारी किया है। जिसमें पुलिस ने 24 घंटे के अंदर हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है। हमको तो समझ में आया नहीं साहब! कि जमीनी विवाद में एक पट्टीदार बदमाश के द्वारा सरेआम दिनदहाड़े पंचायत के लोगों के बीच इस गोलीबारी सह हत्याकांड को अंजाम दिया गया। जिसमें दूसरे पक्ष से जख्मी हुए पट्टीदार की पत्नी के द्वारा उस हत्यारे को मुख्य अभियुक्त बनाते हुए उसके मां-बाप सहित पंचायत में मौजूद एक दर्जन लोगों को आरोपित किया गया। अब बताइए इस घटना में कौन सी गुत्थी उलझी हुई थी, जिसे पुलिस ने 24 घँटे के अंदर सुलझा लिया।
चलिये अब आगे चलते हैं, देखिए पुलिस कैसे अपनी पीठ खुद थपथपा रही है। इस घटना को सरेआम अंजाम देने वाले मुख्य अभियुक्त का आजतक पुलिस को सुराग नहीं मिला है। सरेआम खून की होली खेलने वाला वह हत्यारा आज भी फरार है। लेकिन पुलिस ने इस कांड में नामजद कर दी गयी उसकी मां सहित दो लोगों को जरूर गिरफ्तार कर लिया है। वैसे इस हत्याकांड में इन दोनों की कितनी भूमिका है यह तो जांच का विषय है, लेकिन पुलिस ने मुख्य अभियुक्त को पकड़ने के बजाय आनन फानन में अन्य नामजद आरोपियों को पकड़कर अपना दामन साफ करने का जरूर प्रयास किया है। अब इससे तो यही ना समझा जायेगा कि हत्यारा ‘बाज’ तो धराया नहीं, ‘तीतर-बटेर’ को पकड़कर खुद की पीठ थपथपा रही है आपकी पुलिस।
ऐसा भी नहीं कि हमेशा से समस्तीपुर में इसी तरह की पुलिसिंग हुई हो। आज भी समस्तीपुर जिले के वही पुलिस कप्तान विनय तिवारी हैं। जिनके काम करने के तरीके की कभी खूब सराहना होती थी। वे घटना में निर्दोष लोगों को गिरफ्तार करने के बजाय दोषियों को गिरफ्तार करने में विश्वास रखते थे। हम आपको इसका भी प्रमाण दे देते हैं। 11 अगस्त 2023 को काकरघाट के पंचायत समिति सदस्य के पति संतोष पासवान की रोसड़ा थाना के महेशर चौर में बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के विरोध में जमकर बबाल हुआ था। परिजनों ने पूर्व के विवाद को लेकर आशंका के आधार पर एक जाति विशेष के 12 लोगों को आरोपित कर दिया था. जिसमें कुछ आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भी भेज दिया था. लेकिन पुलिस ने उस ब्लाइंड मर्डर के अनुसंधान में दूध का दूध पानी का पानी अलग कर दिया था। आरोपित किये गए लोगों को बरी करवाया गया था और हत्याकांड को अंजाम देने वाले बदमाशों को जेल भेजा गया था।