मिथिला पब्लिक न्यूज़, डेस्क ।
भारत सरकार एक बार फिर बिहार को बड़ा तोहफा देने जा रही है. सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री गुदरी के लाल जननायक स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की है. 75वें गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार को भारत रत्न का ऐलान किया गया है. बुधवार को कर्पूरी ठाकुर का शताब्दी जन्मदिवस भी मनाया जायेगा. सरकार के इस घोषणा से पूरे बिहार में हर्ष का आलम है. जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के पांचवें सपूत हैं, जिन्हें ‘भारत रत्न’ से नवाजा जायेगा.
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की शुरुआत 1954 में हुई थी. अब तक 48 लोगों को यह सम्मान दिया जा चुका है. कर्पूरी ठाकुर देश के 49वें और बिहार के पांचवें हस्ती होंगे जिन्हें यह सम्मान मिलेगा. कर्पूरी ठाकुर से पहले बिहार में जन्म लेने वाले शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद एवं डॉ विधानचंद्र रॉय को यह सम्मान मिल चुका है.
स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ और बिहार में 2 बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को उनकी लोकप्रियता की वजह से जननायक और गुदरी का लाल कहा जाता है. उन्हें भारत रत्न देने का यह ऐलान ऐसे समय किया गया जब देश में कल बुधवार को उनकी जन्म शताब्दी मनाई जा रही है.
उनका जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर में हुआ था. वह एक नाई परिवार से थे. उनके पिता गोखुल ठाकुर एक साधारण किसान थे. कर्पूरी ठाकुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने सीएम कॉलेज से इंटरमीडिएट की. कर्पूरी ठाकुर छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रहे. उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और जेल भी गये. जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लिया.
वर्ष 1952 में कर्पूरी ठाकुर पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए. वो सोसलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े और जीते भी. इसके बाद वे लगातार चार बार विधानसभा के सदस्य चुने गए. वर्ष 1967 में उन्हें बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया गया. 1970 में कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने गरीबों और दलितों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की. कर्पूरी ठाकुर के मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार में पहली बार गैर-लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को खत्म किया गया.
जननायक कर्पूरी ठाकुर ने राजनीतिक जीवन में अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया.
सरकार के इस घोषणा के सार्वजनिक होने के बाद पूरे बिहार में हर्ष का आलम है. लोग उनके पुत्र राज्य सभा सांसद रामनाथ ठाकुर को बधाई दे रहे हैं. बिहार विधानसभा के उप मुख्य सचेतक सह स्थानीय विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा है कि जननायक को भारत रत्न देने की मांग राष्ट्रीय जनता दल विगत कई वर्षो से कर रही थी. वास्तव में स्मृति शेष जननायक कर्पूरी ठाकुर गरीबों व वंचित समाज के मसीहा थे. उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण तथा शरीर का कण-कण गरीब, असहाय एवं वंचित वर्ग के कल्याण, देश के विकास व कौमी एकता के लिए समर्पित किया था.