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मां! तुम तो इतनी निर्दयी नहीं हो सकती, तो फिर अपने कलेजे के टुकड़े के हत्यारे को क्यों बचाती रही?


मिथिला पब्लिक न्यूज़, डेस्क ।
समस्तीपुर के खानपुर में हुई 6 वर्ष की मासूम बच्ची की हत्या या यूं कहें कि उसके साथ हुई हैवानियत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि मां! तो इतनी निर्दयी नहीं हो सकती. जिस बेटी को नौ महीने तक अपनी कोख में रखकर जन्म दिया. छह वर्षों तक कलेजे से लगा कर रखा. उस कलेजे के टुकड़े को कोई राक्षस (हत्यारा) दो दिनों तक लगातार उसके सामने में नोंचता रहा, खरोंचता रहा और वह कुछ नहीं कर पायी.

उस मासूम की लाश को देखकर उसका कलेजा नहीं फटा. आखिर क्या कारण था कि वह अपनी आंखों के सामने अपने ही कलेजे के टुकड़े (बेटी) को तड़प तड़प कर मरती हुई देखती रही. इतना ही नहीं अपनी ही बेटी की लाश को फेंकने में हत्यारों की मदद भी की. सबकुछ जानते हुए हत्यारे को बचाने का प्रयास भी किया. आज उसकी इस खामोशी ने मां की ममता को भी शर्मशार कर दिया है. आज सिर्फ पुलिस ही नहीं मां की ममता भी उससे ये सवाल पूछ रही है. आज क्या? तू (मां) भी उतनी ही गुनाहगार नहीं है, जितना वो हत्यारा.


समस्तीपुर के खानपुर थाना क्षेत्र में 6 वर्ष की मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत की घटना में भले ही पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है, लेकिन इस घटना की सच्चाई तक पहुंचने में समस्तीपुर पुलिस को कई सवालों के जवाब ढूंढने पड़ेंगे. जिस मां को पुलिस ने इस घटना का वादी बनाया है, उसके बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता. क्योंकि प्रथमदृष्टया उसे ही लोग सस्पेक्ट बता रहे थे. ग्रामीणों की मानें तो मां की भूमिका इस घटना में शुरू से ही संदेहास्पद थी. इसके वाबजूद पुलिस ने उसे वादी बनाया है.


सवाल उठता है कि मृत बच्ची की मां को घटना की जानकारी थी तो उसने घटना की सूचना समाज के लोगों को या पुलिस को स्वंय क्यों नहीं दी. जबकि उसे पता था कि उसकी बच्ची की हत्या किसने और कैसे किया और बच्ची के शव को किसके मदद से कहाँ ठिकाना लगाया गया है. इतना कुछ जानने के बाद भी मृत बच्ची की मां ने चुप्पी साध रखी थी. क्या वह हत्यारे को बचाने का प्रयास कर रही थी या उसे किसी का भय था.



महिला के चुप्पी पर लोगों ने किया था हंगामा :
बताया जाता है कि समाज के लोगों को जब कुछ शंका हुआ तो वे उसके घर पर बच्ची को खोजते हुए पहुंचे थे. जहाँ शुरुआती दौर में उसकी मां ने बच्ची के ननिहाल में होने की जानकारी दी, जो सरासर गलत था. इसके बाद ग्रामीण हंगामे पर उतर आये थे और घटना की सूचना पुलिस को दी थी. इसके बाद महिला को पुलिस किसी तरह भीड़ से बचा ले गयी थी.


पुलिसिया पूछताछ में टूटी थी महिला :
कहा जा रहा है कि पुलिसिया पूछताछ के दौरान महिला ने अपना मुंह खोला था. पुलिस के समक्ष उसने अपने आपको निर्दोष बताते हुए अपने पति को घटना का जिम्मेवार ठहराया. पुलिस सूत्रों की मानें तो उसने पुलिस को बताया कि लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसके पति ने अपने भतीजे का सहयोग लिया था. महिला की बातों में कितनी सच्चाई है यह तो पुलिसिया जांच के बाद ही सामने आएगा. वैसे घटना के बाद से गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है.


बच्ची के साथ दो दिन तक हुई हैवानियत :
सूत्रों की मानें तो हवसी दरिंदे ने उस मासूम बच्ची के साथ दो दिन तक लगातार घटना को अंजाम दिया था. जिससे बच्ची की हालत खराब हो गयी थी. उसकी मां ने उसे दवा लाकर भी खिलाया था. बच्ची मंद बुद्धि की थी, जिस वजह से वह किसी को कुछ बता नहीं पायी. बताया जाता है कि तीसरे दिन उस बच्ची के साथ हत्यारे ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी. कहा जा रहा है कि बच्ची के शव का पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों की रूह भी शव की स्थिति को देखकर कांप उठी थी.


एफएसएल जांच को भेजे गए हैं प्रदर्श :
इस हत्याकांड की जांच कर रही समस्तीपुर पुलिस ने एफएसएल की मदद भी ली है. बताया जाता है कि एफएसएल की टीम ने मृत बच्ची के घर से कई साक्ष्य एवं नमूने इकट्ठा किये हैं. साथ ही बच्ची के कपड़ों से भी कुछ नमूने लेकर पुलिस ने एफएसएल को भेजा है. कयास लगाया जा रहा है कि उस रिपोर्ट से पुलिस जल्द ही हत्यारे तक पहुंच जाएगी. हालांकि इस घटना में फिलहाल पुलिस कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है. थानाध्यक्ष मो फहीम कहते हैं कि जल्द ही पुलिस हत्यारे को गिरफ्तार कर लेगी.

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